शुक्रवार, 4 जुलाई 2008

ट्रेक्टर लोन में पिसते किसान

खेती किसानी में मजदूरो का आभाव एक सोचनीय समस्या बन गई है ,वैसे ही आजकल खेती के उपकरण बनाने वाली कम्पनियों की बाढ़ आ गई है खासकर ट्रेक्टर कम्पनिया ग्राहकों को लुभाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही इनके सेल्समेन कमीशन के लोभ में किसी को भी ट्रेक्टर पकड़ा देते है बाद में बेचारे किसान कर्ज के बोझ तले दब जाते है और ब्याज की राशिः भी पटाना मुश्किल हो जाता है, बैंको फायनेंस कंपनियों द्वारा भी किसानो को लोभ देकर बिना मर्जीं मणी जमा किए पुरी राशिः लोन में दे देती है जबकि किसान की माली हालत अच्छी नही होती ,जिसका अंत जमीन की बिक्री नीलामी कुर्की में होता है ।

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