शनिवार, 21 जून 2008

कहती क्या खेत के मेड से गौरैया

अब फिर से बारीश की रिमझिम फुहार शुरू हो गई,खेत खलिहान से माटी की सौंधी सुगंध की महक बिखरनी शुरू हो गई,खेत के मेड पर चिडियों की चहचाहट की मधुरं ध्वनी आनी शुरू हो गई अब तो फिर से फसल बोए जायेंगे ,जिसमे से छोटे छोटे पौधे अंकुरित होंगे ,और धीरे धीरे बढ़ेंगे ,सब तरफ़ हरे रंग की बहार होगी नदियों उछाले भरेंगी ,और सब तरफ़ किसानो के चेहरे में मुस्कुराहट होंगी ,

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